25-Apr-2024

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नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास, राज्यसभा में बुधवार को हो सकता है पेश

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नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से 311 वोटों से पास
पीएम नरेंद्र मोदी ने की गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ


10 दिसंबर 2019, नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया है. इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े हैं. वहीं विपक्ष में 80 वोट पड़े हैं. लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और केंद्र सरकार के सामने सवाल रखे, जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में दिया. नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के लोकसभा से पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की. यह बिल अब राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जा सकता है.

नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस देश का विभाजन न करती तो मुझे यह बिल लेकर नहीं आना पड़ता. लोकसभा में शाह ने कहा, मैं चाहता हूं देश में भ्रम की स्थिति न बने. किसी भी तरीके से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है. न ही ये बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ था. देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो अच्छा होता. इसके बाद इस बिल को लेकर आने की जरूरत हुई. 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जो कि धरा का धरा रह गया.

अमित शाह ने आगे कहा, 1947 में पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे लेकिन वहीं साल 2011 में ये आंकड़ा 3.4 फीसदी रह गया. पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए भारत मूकदर्शक नहीं बन सकता. वहीं भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ी है. यहां हिन्दुओं की आबादी के प्रतिशत में कमी आई है जबकि मुस्लिम आबादी के प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है. पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्यचारों पर भारत चुप नहीं रहेगा.

अमित शाह ने यह भी कहा कि ये बिल किसी धर्म के खिलाफ भेदभाव नहीं करता. उन्होंने कहा, ये बिल एक सकारात्मक भाव लेकर आया है उन लोगों के लिए जो भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हैं. प्रताड़ित शरणार्थी होता है, घुसपैठिया नहीं होता. बिल में संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन नहीं है.

भाषण के दौरान अमित शाह ने कहा, जो वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देना चाहता है, हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे. वोट के लिए घुसपैठियों को शरण देने वाले चिंतित हैं. रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. रोहिंग्या बांग्लादेश के जरिए भारत आते हैं. उन्होंने कहा, किसी भी रिफ्यूजी पॉलिसी को भारत ने स्वीकार नहीं किया है. पारसी भी प्रताड़ित होकर ईरान से भारत आए थे. कांग्रेस ने जिन्ना की टू नेशन थ्योरी क्यों मानी? कांग्रेस ने विभाजन को क्यों नहीं रोका? पीओके हमारा है और वहां के लोग भी हमारे हैं.

साभार- आज तक

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