Publish Date:20-May-2018 00:13:33
चीन ने पहली बार विवादित दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर बमवर्षक विमानों को उतारा। चीन के इस कदम से अमेरिका की आंखें लाल हो गई है और उसने कहा कि इसके बाद तनाव बढ़ेगा और क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होगी।
चीन की वायुसेना की तरफ से यह कहा गया कि एच-6के बमवर्षक समेत उसके कई लड़ाकू विमानों के हाल में संसाधनों से भरपूर दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर उड़ान भरने और उतरने की ट्रेनिंग दी गई।
हांगकांग के साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी फोर्स (पीएलएएफ) के हवाले से बताया है- इस ट्रेनिंग से वायुसेना की पूरे इलाके में पहुंच, समय रहते आक्रमण और पूरी क्षमता के साथ धावा बोलने की क्षमता और बढ़ गया है।
सैन्य मामलों के जानकार वांग मिनलियांग का हवाला दिया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि बमवर्षक विमानों के उड़ान भरने और उतारने की इस ट्रेनिंग की वजह से समुद्र में सभी तरह के खतरों की चुनौतियों से निपटने में फायदा पहुंचा है।
चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक समाचार पत्र पीपुल्स डेली में शुक्रवार को उसके ट्वीटर हैंडल से पोस्ट किए गए एक वीडियो में एच-6के के ट्रेनिंग कार्यक्रम को दिखाया गया, जिसमें बमवर्षक विमानों के उतरने, उड़ान भरते और उड़ते हुए दिखाया गया।
चीन के इस कदम के बाद अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे तनाव बढ़ेगा और क्षेत्र में अस्थिरता आएगी। मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने इस अभ्यास को दक्षिण चीन सागर में चीन का लगातार विवादित सैन्य कार्यक्रम बताया है।
साभार- लाइव हिन्दुस्तान