Publish Date:17-Jan-2017 18:50:36
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत ने कहा कि कांगे्रस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नीतिगत आलोचना, मुद्देवार बहस करने से भागते है और व्यक्ति विशेष की आलोचना कांगे्रस की सफलता की सीढ़ी मान बैठे है। चरित्रहनन की राजनीति करके राहुल गांधी न तो कांगे्रस को नवजीवन प्रदान कर सकते है और न ही सत्ता में वापसी का सपना पूरा कर सकते है। यूपीए सरकार के दौर में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये फैसले को सार्वजनिक रूप से कचरे की टोकरी में डालने से ही जनता ने देख लिया कि राहुल गांधी के लिए लोकतंत्र और संवैधानिक नीतियां, परंपराएं बेमतलब है। हैरत की बात है कि राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संवैधानिक संस्थाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाकर खुद हास्य का पात्र बन रहे है।
उन्होनें कहा कि कांगे्रस ने 60 वर्ष केन्द्र की सत्ता में रहने के साथ 80 बार राज्यों की निर्वाचित सरकारों को असंवैधानिक ढंग से बर्खास्त कर लोकतंत्र का गला घोंटा था। उन्होनें कहा कि यूपीए प्रथम और यूपीए द्वितीय ने 10 वर्षों के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह को कुठपुतली प्रधानमंत्री बनाकर प्रधानमंत्री पद की गरिमा समाप्त कर दी थी। संविधानेत्तर प्रधानमंत्री का कामकाज 10 जनपथ से संचालित हुआ और रिमोट कंट्रोल राहुल गांधी स्वयं बने रहे। तब न तो गरीबी और न मंहगाई उनके राडार पर रही। आज जब गांव, गरीब, किसानों के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फेर दिये है, तब श्री श्री राहुल गांधी को गरीब याद आ रहे है।
लूनावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनवरत विस्तार पा रही लोकप्रियता कांगे्रस को रास नहीं आ रही है। वे कभी दलित के घर भोजन करते है तो कभी खाट सभा और फटा कुर्ता दिखाकर जनता की सहानुभूति बटोरने की कामेडी करते है। राहुल गांधी यह भूल जाते है कि सिखाये पूत दरबार नहीं चढ़ सकते। कांगे्रस को पुर्नजीवन देने का काम कामेडी से चलने वाला नहीं है। उन्होनें कहा कि सत्ता किसी का पैदायशी हक नहीं होता। राजनीति में सफलता सतत् जनसेवा और संघर्ष से मिलती है। आज जिस गरीब को लेकर राहुल गांधी चिंतित है, उन्होनें पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में कभी गरीब की चिंता नहीं की और दस वर्षों में 12 लाख करोड़ रूपयों का भ्रष्टाचार और घोटाला देखकर भी आंख बंद कर ली। जब जनता ने कांगे्रस को सत्ता से बेदखल कर दिया तब कांगे्रस और श्री राहुल गांधी को गरीब नजर आने लगे है। जनता उनका तमाशा देखकर उनकी नादानी पर तालियां बजा रही है।
घर वापसी अभियान से किसानों को लोकतांत्रिक समाजवाद की अनुभूति होगी- डॉ. भदौरिया
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अरविन्द भदौरिया ने कहा कि प्रदेश की किसान हितैषी श्री शिवराजसिंह चौहान सरकार ने खेती को लाभ का व्यवसाय बनानें और काश्तकारों की आय को दोगुना करने का संकल्प लेकर किसानों को अति विशेष सुविधाएं दी है। इनमें जीरों प्रतिशत ब्याज पर कर्ज और खाद-बीज पर लिए गये ऋण के भुगतान के समय मूलधन में 10 प्रतिशत की छूट भी शामिल है। लेकिन इस सुविधा का लाभ सहकारिता क्षेत्र के बैंकों और सहकारी साख समितियों के सदस्यों तक ही सीमित होता है। ऐसे में जो किसान सहकारिता के अंचल से बाहर है, सुविधाओं से वंचित रह जाते है। राज्य सरकार ने हर किसान को सहकारी क्षेत्र के दायरे में लाने के लिए घर वापसी अभियान 26 जनवरी से आरंभ करके वास्तव में किसानों को सहकारिता आंदोलन के जरिये लोकतांत्रिक समाजवाद की अनुभूति देने का उपक्रम आरंभ किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की पहल अभिनंदनीय है।