16-Apr-2024

 राजकाज न्यूज़ अब आपके मोबाइल फोन पर भी.    डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करें

चंद्रयान-2 ने चांद की 2,650 किमी दूर से ली पहली तस्वीर, कुछ ऐसा दिखा नजारा

Previous
Next

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 ने चांद की पहली तस्वीर कैप्चर की, जिसे स्पेस एजेंसी इसरों ने आज ट्वीट करके लोगों साथ शेयर किया है. चांद की तस्वीर को पोस्ट करते हुए इसरो ने कहा, चंद्रमा की सतह से लगभग 2,650 किमी की ऊंचाई पर इसे कल कैप्चर किया गया. तस्वीर में चांद पर दो महत्वपूर्ण जगहों, अपोलो क्रेटर और मेयर ओरिएंटेल को दिखाया गया है. फिलहाल इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान में चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहे ‘चंद्रयान-2' के साथ गए लैंडर ‘विक्रम' की चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' सात सितंबर को तड़के कराई जाएगी.

सिवन ने यहां हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक इस प्रक्रिया में शामिल होंगे. सात सितंबर को तड़के एक बजकर 55 मिनट तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके रात लगभग 1.40 बजे सॉफ्ट लैंडिंग (चांद की सतह पर) करने और रात 1.55 बजे तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. वैश्विक स्तर पर यह एक महत्वपूर्ण मिशन है. हर किसी ने बड़ी उत्सुकता से इस पर नजरें टिका रखी हैं.''

मिशन के इस चरण की जटिलता के बारे में सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष यान की गति को शून्य तक लाए जाने की जरूरत होगी. चंद्रयान-2 गत 20 अगस्त को चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया था. बुधवार को इसे दूसरी बार चांद की कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया था. यान को चांद की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजरती अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए अभी इस तरह की तीन और प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा.

इसरो ने कहा कि इसके बाद दो सितंबर को लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के इर्द-गिर्द 100 किलोमीटर X30 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश करेगा. इसके बाद यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने के लिए धीमी गति और ठहराव जैसी कई सिलसिलेवार प्रक्रियाओं से गुजरेगा. सिवन से पूछा गया कि क्या सात सितंबर को चांद की सतह पर ‘विक्रम' लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो के वैज्ञानिकों के साथ मौजूद होंगे.

इसरो अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को संबंधित क्षण का भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव है, सिवन ने कहा कि ऐसा कोई भेदभाव नहीं है और प्रतिभाशाली महिलाओं को हमेशा बेहतर भूमिकाएं दी जाती हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इसरो में कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है. चंद्रयान-2 मिशन के दौरान दो महिलाओं को अवसर मिला. इसी तरह (इसरो की) भविष्य की परियोजनाओं में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए महिलाओं को अवसर मिलेंगे.'' गत 22 जुलाई को चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के समय दो महिला वैज्ञनिकों-रितु कारिधाल और एम वनीता को काफी प्रशंसा मिली थी क्योंकि ये दोनों क्रमश: मिशन और परियोजना निदेशक हैं.

साभार- एनडीटीवी

Previous
Next

© 2012 Rajkaaj News, All Rights Reserved || Developed by Workholics Info Corp

Total Visiter:26538797

Todays Visiter:6722