Publish Date:04-Feb-2019 14:32:35
मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को सीबीआई प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली. हालांकि उनका पहला ही दिन काफी चुनौतियों से भरा रहा, क्योंकि पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने गई सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने रोक लिया और ममता बनर्जी इस मामले को लेकर तब से धरने पर बैठी हुई हैं.
1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला को जून 2016 में मध्य प्रदेश का डीजीपी बनाया गया था, लेकिन पिछले हफ्ते कमलनाथ सरकार ने उन्हें इस पद से हटाकर पुलिस हाउसिंग कॉरेपोरेशन का मुखिया बना दिया. मध्य प्रदेश में डीजीपी बनने के पहले शुक्ला इंटेलीजेंस ब्यूरो में संयुक्त निदेशक के पद पर भी तैनात रह चुके हैं.
शुक्ला ग्वालियर के रहने वाले हैं. आईपीएस बनने के बाद उनकी सबसे पहली पोस्टिंग पुलिस उपाधीक्षक के तौर पर रायपुर मे हुई थी. इसके बाद वह दमोह, शिवपुरी और मंदसौर में पुलिस अधीक्षक के पद पर भी रहे. वह 1992 से 1996 के बीच केंद्र की नियुक्ति पर और 2009 से 212 के बीच आईबी में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर भी काम कर चुके हैं.
अमेरिका में उन्होंने 1995 में क्राइसिस मैनेजमेंट में और 2005 में होस्टेज निगोसिएशन उन्होंने ट्रेनिंग ली है. 2017 में और 2018 में बाईपास सर्जरी के लिए वह लंबी छुट्टी पर गए थे.
शुक्ला सीबीआई डायेरेक्टर के तौर पर मध्य प्रदेश कैडर के पहले आईपीएस अधिकारी होंगे. उम्मीद है कि शुक्ला के पद सम्हालने के बाद कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच चल रही तनाव की स्थिति में कुछ सुधार आएगा.
सीबीआई के अनुसार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार से सीबीआई रोज़ वैली चिट फंड मामले में गायब हुई फाइलों और दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने इस मामले में सहयोग नहीं किया. सीबीआई संयुक्त सचिव पंकज श्रीवास्तव ने कहा रविवार को पूछताछ के लिए कोलकाता गए थे.
साभार- न्यूज 18