Publish Date:16-Sep-2017 02:05:13
पिछले तेरह साल से शनि ग्रह की परिक्रमा लगाकर पृथ्वी पर जानकारियां भेजने वाला अंतरिक्ष यान कैसिनी नष्ट हो गया. बता दें कि शुक्रवार सुबह इससे सिग्नल आना बंद हो गए थे. नष्ट होने के 83 मिनट बाद नासा के वैज्ञानिकों तक यह जानकारी पहुंची. इसके साथ ही कैसिनी का 20 साल लंबा सफर ख़त्म हो गया.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार कैसिनी ने शनि के दिन की तरफ वाले हिस्से में आखिरी चक्कर काटे. इसके लिए इसे शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन के वायुमंडल में भेजा गया था. इस अभियान के आखिरी दौर में कैसिनी ने शनि और उसके अन्य उपग्रहों के बीच पहला चक्कर अप्रैल के अंत में लगाया था. कैसिनी शनि ग्रह के इतना करीब जाने वाला पहला यान है.
शनि की कक्षा में प्रवेश करते ही कैसिनी ने गैस की पतली परत के बीच अपने एंटीना को पृथ्वी की तरफ सक्रिय बनाये रखने के लिए छोटे-छोटे विस्फोट करने शुरू किए. लेकिन जैसे-जैसे गैस की परत मोटी होती गई,तो शनि की कक्षा में पहुंचने के एक मिनट के अंदर ही पृथ्वी से कैसिनी का संपर्क टूट गया. कैसिनी के भेजे आखिरी संदेश ऑस्ट्रेलिया में नासा के एंटीना को मिलेंगे. ख़त्म होने से पहले कैसिनी के इमेजिंग कैमरा ने शनि के चारों ओर, शनि के चंद्रमा टाइटन व एसेलेडस की आखिरी तस्वीरें लीं.
कैसिनी मिशन की मियाद 4 साल तय की गई थी,लेकिन इसके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इस मिशन को 2 बार बढ़ाया गया. नासा के मुताबिक़ यदि कैसीन को शनि की कक्षाओं में सुरक्षित रूप से नष्ट नहीं किया जाता, तो किसी भी दिन यहाँ शनि के चंद्रमाओं से टकरा सकता था. अंतरिक्ष यान का आखिरी संदेश किसी प्रतिध्वनि के जैसा था, और यह कैसिनी के जाने के बाद सारी सौर प्रणाली में करीब डेढ़ घंटे के लिए प्रसारित होगा.
कैसिनी ने अब तक अपने साथ भेजे गए अन्य 12 सूक्ष्म उपकरणों की मदद से शनि ग्रह के वलयों पर, शनि ग्रह पर मौसम बदलने पर, और कैसे शनि ग्रह पर भयानक तूफ़ान आते हैं आदि पर विस्तृत जानकारी भेजी है.
ऐसा रहा कैसिनी का जीवन
- 15 अक्टूबर- फ्लोरिडा के केप केनरवेल एयरबेस से लॉन्च
- 26 अप्रैल - शुक्र ग्रह के पास से गुजरा
- 24 जून- शुक्र ग्रह के पास से दूसरी बार गुजरा
- 18 अगस्त- पृथ्वी के पास से गुजरा
- 30 दिसंबर- 6 महीने तक बृहस्पति का चक्कर लगाया. जोवियन सिस्टम समझने के लिए गैलिलियो के साथ काम किया
- 30 जून- शनि की कक्षा में प्रवेश किया
- 13 दिसंबर- टाइटन और डियोन (शनि के चंद्रमा) के पास से पहली बार गुजरा
- 24 दिसंबर- कैसिनी ने शनि के चंद्रमा टाइटन पर ह्यूगंस प्रोब भेजा
- 14 जनवरी- ह्यूगंस प्रोब टाइटन की कक्षा में जाने के लिए निचले स्तर पर गया
- जून- प्रारंभिक मिशन पूरा, ''कैसिनी विषुव मिशन'' शुरू
- सितंबर- ''कैसिनी विषुव मिशन'' पूरा, दूसरा मिशन ''अयनकाल'' शुरू
- 15 सितंबर- कैसिनी अयनकाल मिशन पूरा
कैसिनी की नंबर्स की दौड़ कमाल की है
- 25 लाख कमांड्स दिए गए
- 635 जीबी डाटा इकठ्ठा हुआ
- 6 चंद्रमा खोजे
- 27 देशों ने इस अभियान में शिरकत की
- 790 करोड़ किलोमीटर का सफर तय किया
- 24960 करोड़ रुपये नासा ने अब तक खर्च किये
साभार- न्यूज 18