Publish Date:24-Apr-2019 17:05:28
नई दिल्ली : बड़े दलित नेता के तौर पर पहचान रखने वाले उदित राज ने बीजेपी छोड़ दी है। उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इसे दिल्ली में बीजेपी के लिए बड़े झटके की तरह देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीजेपी दलित नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले उदित राज को अपने साथ जोड़े रखना चाहती थी। लेकिन वह लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। पार्टी के दिग्गज नेताओं ने उन्हें मनाने का प्रयास भी किया था, पर वह अपनी मांग पर अड़े रहे, जिसका नतीजा अंतत: उनके बीजेपी से अलग होने और कांग्रेस से जुड़ने के रूप में सामने आया।
उदित राज फिलहाल नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली से सांसद हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर यहां से जीत दर्ज की थी। वह एक बार फिर यहां से टिकट चाहते थे, पर बीजेपी ने उनकी बजाय यहां से गायक हंसराज हंस को मैदान में उतारा है, जिसकी घोषणा पार्टी ने मंगलवार को की। हालांकि ऐसी अटकलें पहले से लगाई जा रही थीं कि इस बार उदित राज का टिकट कट सकता है और पार्टी किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है। टिकट नहीं मिलने की अटकलों के बीच उदित राज की नाराजगी खुलकर सामने आई थी। उन्होंने कई ट्वीट कर और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये अपनी नाराजगी का इजहार किया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें टिकट नहीं मिलने से देशभर के उनके दलित समर्थकों में रोष है।
लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज उदति राज ने मंगलवार को बीजेपी छोड़ने की चेतावनी भी दी थी। नाराजगी जताते हुए उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से अपने नाम के आगे लिखा 'चौकीदार' शब्द भी हटा दिया था, जो बीजेपी का बड़ा चुनावी अभियान है और जिसके तहत पीएम नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के कई नेताओं और पार्टी समर्थकों ने अपने सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे इस शब्द को जोड़ लिया है। शाम तक हालांकि उन्होंने एक बार फिर ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के आगे 'चौकीदार' शब्द जोड़ लिया था, जिसके बाद माना जाने लगा कि बीजेपी से उनकी नाराजगी संभवत: दूर हो गई है। हालांकि बुधवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ उनकी तस्वीर सामने आई। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से यह तस्वीर ट्वीट करते हुए उदित राज के पार्टी से जुड़ने की जानकारी दी, जिसके बाद उदित राज ने भी अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस ज्वाइन करने की बात कही।
इस बीच हालांकि एक दिलचस्प वाकया यह हुआ कि कांग्रेस से जुड़ने की औपचारिक घोषणा के बाद भी उनके ट्विटर हैंडल पर नाम के आगे 'चौकीदार' शब्द लिखा नजर आया। हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने इसे फिर हटा दिया और डॉ. उदित राज लिख दिया, जैसा कि उन्होंने मंगलवार को भी लिखा था। उन्होंने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल पर इसका जिक्र भी किया कि टिकट नहीं मिलने के मुद्दे पर उनकी बीजेपी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र से भी बात हुई, जिन्होंने उनका टिकट कटने पर 'अफसोस' जताया। इससे पहले सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी सामने आई थी कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी उनसे बात कर उन्हें मनाने का प्रयास किया था, पर ऐसी कोशिशें विफल रहीं।
साभार- टी एन