24-Apr-2024

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भोपाल की गंगा-जमनी तहजीब को बिगाड़ने का प्रयास विफल, जनजीवन सामान्य

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 मुख्‍यमंत्री ने कहा- माहौल खराब करने वालों से सख्‍ती से निपटेंगे

राजकाज न्‍यूज, भोपाल

बीती रात्रि में भोपाल पुराने शहर में तथाकथित धार्मिक स्‍थल को लेकर कुछ लोगों ने सांप्रदायिक बनाने का प्रयास किया। लेकिन कुछ मामूली घटनाओं को छोड़ दे तो जिला प्रशासन एवं पुलिस बल ने इस कुत्सित प्रयास को विफल कर दिया। मंगलवार को कुछ घंटों के लिए खराब हुए माहौल पर बुधवार सुबह तक नियंत्रण कर लिया गया। पुराने शहर के बाजार खुल गये हैं। लेकिन पुलिस बल ने सभी ऐसे स्‍थानों पर निगरानी बनाये रखी है, जहां पर शरारती तत्‍व किसी प्रकार की हरकत की कोशिश कर सकते है। इधर कंट्रोल रूम में धार्मिक नेताओं की एक बैठक कर संयुक्‍त प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है।
उधर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सभी वरिष्‍ठ अफसरों ने शहर में शांति बनाये रखने तथा बे-वजह फैलाई जा रही अफवाहाें पर ध्‍यान नहीं दिये जाने की अपील की है। उन्‍होंने यह भी कहा है कि अफवाह फैलाने वालों से सख्‍ती से निपटा जाएगा। भोपाल के कलेक्टर निशांत वरवड़े ने कहा है कि ”वो जगह सरकारी सम्पत्ति है, उस जगह धार्मिक गतिविधियां न हों। दस्तावेजों में भी वहां धार्मिक स्थल होने के प्रमाण नहीं मिल रहे हैं। प्रथम विश्व युद्ध के समय के कुछ प्रमाण जरूर मिले हैं”
अफवाहों के कारण वर्ष 1992 में एक बार शहर काफी कुछ भोग चुका हैं। लेकिन इसके बाद वर्षों से ऐसा कुछ नहीं हो सका। क्‍योंकि शहर के लोगों ने उस दौर को देखकर सीख ली। बीते दिवस हमीदिया अस्‍पताल में हो रहे निर्माण कार्य को रूकवाने और वहां धार्मिक स्‍थल अपने-अपने धर्म का होने का दावा किये जाने के बाद वहां पूजा-पाठ करने से विवाद की स्थिति बनी। लेकिन बुधवार को बाजार खुल गये और स्थिति सामान्‍य है। हमीदिया अस्पताल परिसर कड़ी चौकसी में रखा गया हैं।पुराने मेन गेट को टीन की चादरो से बंद कर दिया गया है। ताजुल मसाजिद के सामने वाले गेट से मरीजो, परिजनों, अस्पताल स्टाफ को ही जाने दिया जा रहा है। वह भी सभी वाहनों के नंबर नोट कर। इधर सोमवारा (पीरगेट ) पर भारी पुलिस बल मौजूद है। क्‍योंकि यह चौराहा आमतौर पर भीड़-भरा होता है। शाहजहाँनाबाद, लक्ष्मी टाकीज, भोपाल टाकीज, काजी कैम्प, जुमेराती, इतवारा, मंगलवारा, बुधवारा, चौक सहित ओरिजनल भोपाल  (चारों गेट )पूर्व की तरह एक है। इमामी गेट स्थित अंग्रेजी वाइन शाप के एक शटर का ताला तोड़कर उठाने कोशिश हुई। कुछ वाहनों को तोड़-फोड़ करने के बाद शरारती तत्‍वों ने आग लगाने की कोशिश भी की गयी। वहीं एक धार्मिक स्थल के पास रह रहे परिवार को रात में ही अन्य परिजनों के यहाँ स्थानांतरित किया गया।
क्‍या हुआ था...
दरअसल हमीदिया अस्पताल में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान कुछ शिलालेख निकले हैं, जिन्हें एक समुदाय अपना धार्मिक स्थल बता रहा है। इसके ठीक सामने मंदिर है जहां पर सुबह-शाम पूजा-अर्चना की जाती है। सोमवार को प्रशासन ने धार्मिक स्थल से लाउड स्पीकर हटवा दिया था। उसके बाद रात को एक समुदाय के काफी लोग वहां एकत्रित हो गए। मंगलवार सुबह से वहां तनाव की स्थिति थी, शाम को कुछ लोग मंदिर में आरती करने गए तो उन्हें पुलिस प्रशासन ने रोक दिया, और वहां से हटा दिया। इधर दूसरे समुदाय के लोग भी वहां जमा हो गए। मामला बढ़ता देख एक बार फिर से मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंच गए।

इधर इस झगड़े का रास्ता निकालने के लिए वक्फ बोर्ड और जिला प्रशासन के दस्तावेजों में धार्मिक स्थल का अस्तित्व तलाश जा रहा है। मगर अभी तक दस्तावेजों से कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है जो धार्मिक स्थल होने की पुष्टि करती हो। जिसे धार्मिक स्थल बताया जा रहा है उस जगह पर प्रशासन को कुछ विश्व युद्ध के सैनिकों से जुड़े अभिलेख अवश्य मिले हैं। जो बताते हैं कि यहां उनकी याद में जरूर कुछ न कुछ किया गया होगा। इस वजह से वहां शिलालेख मिले हैं। उल्‍लेखनीय है कि विवादित ज़मीन पर ही सरकार की ओर से 1200 बिस्तरों के अस्पताल के लिए बहुमंजिला इमारत बनाई जा रही है। जिसका काम लंबे समय से जारी है । इस विवाद से अस्पताल के काम में भी रुकावट आ सकती है जिसका असर लाखों लोगों को मिलने वाली बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर पड़ेगा।

वैसे यहां यह बताना उचित होगा कि मंगलवार को अफवाहों की वजह से ही तनाव की स्थिति बनी। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जाती रहीं हैं। इस कारण आसपास के लोग घरों से निकल आए हैं। दोनों ओर से काफी संख्‍या में लोग एकत्र होते गये। इनमें से अधिकांश लोगों की भीड़ वह थी, जो यह देखना चाहती थी कि आखिर माजरा क्‍या है। लेकिन पुलिस बल ने इन सभी को वहां से खदेड़ दिया। साथ ही विवादित स्‍थल के आस-पास भारी पुलिस बल तैनातकर और कुछ आंसू गैस के गोले छोड़कर स्थिति नियंत्रण में ले ली गई। विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उपद्रवियों में शामिल कुछ लोगों ने जिसमें दोनों समुदाय के लोग शामिल थे, ने एक दूसरे पर पथराव किया। पुलिस के मुताबिक, हालात बिगड़ते देख रैपिड एक्शन फोर्स बुलाई गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की। भोपाल क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक रमन सिंह सिकरवार ने बुधवार को बताया कि 12 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।

यहां यह उल्‍लेख करना जरूरी है कि राजकाज न्‍यूज को भी शहर में हो रही हर हरकत की जानकारी थी, लेकिन हमने यह निर्णय लिया कि उसी समय इसकी जानकारी नहीं देंगे। क्‍योंकि वैसे ही पल-पल की जानकारी को सोशल मीडिया पर ना-समझी से शेयर करने से ही माहौल खराब हो रहा था। शेयर करने की जल्‍दबाजी में कुछ लोगों ने बे-तूकी बातें शेयर कर दी। इससे भी माहौल खराब हुआ। जो गलत था। वर्षों के रिर्पोटिंग के अनुभव के कारण इस तरह की खबर को जल्‍दबाजी में शेयर नहीं किया गया। ताकि माहौल खराब होने से बचाया जा सके।

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