Publish Date:21-Apr-2018 01:03:57
आॅल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के स्थापना दिवस के उपलक्ष
में बैंक कर्मियों की क्रांतिकारी जज्बे के साथ सभा सम्पन्न
आॅल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के स्थापना दिवस के उपलक्ष में म.प्र. बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन एवं म.प्र. बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आज शाम 6.00 बजे राजधानी की विभिन्न बैंकों के सैंकड़ों बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में ओरिएन्टल बैंक आॅफ कामर्स रीजनल आफिस भोपाल में सभा का आयोजन किया गया। सभा स्थल संगठन के लाल झण्डों, बैनरों एवं प्ले कार्ड्स से रंगीन नजर आ रहा है। सभा को इंकलाबी रूप देने के लिए कुछ बैंक कर्मियों ने हाथों में मशाल थामकर नारेबाजी की एवं संकल्प लिया।
सभा को विभिन्न बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी नेताओं साथी डी.के. पोद्दार, वी.के. शर्मा, दीपक रत्न शर्मा, जे.पी. झंवर, एम.एस. जयशंकर, एम.जी. शिन्दे, जगदीश चोयल, गुणशेखरन, जे.पी. दुबे, बाबूलाल राठौर, बी.सी. पौणीकर, प्रभात खरे, अशोक पंचोली, जे.डी. मलिक, वी.के. कोठारी, ए.एस. तोमर, रितेश शर्मा, शैलेन्द्र नरवरे, विश्वामित्र दुबे, असीम झवर, बलवीर सिंह, अतुल नाज, सी.एस. शर्मा, योगेश मनूजा, किशन खैराजानी, जी.बी. अणेकर, मंगेश दवांदे, देवेन्द्र खरे, सतीश चैबे, विशाल धमेजा, विजय पाल, नारायण पंवार, आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने बताया कि आज से करीब 72 वर्ष पूर्व 20 अपै्रल 1946 को कलकत्ता में आॅल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन की स्थापना हुई थी। संगठन का इन 72 वर्षों का इतिहास बैंक कर्मचारियों को संगठित करने की प्रक्रिया, उन्हें ट्रेड यूनियन के लिए तैयार करने, अनगिनत संघर्षों एवं प्रभावकारी उपलब्धियों की महान गाथा है। ए.आई.बी.ई.ए. विश्व में बैंक कर्मियों का सबसे विशाल एवं मजबूत संगठन है। स्थापना से लेकर आज तक यह भ्रष्टाचार एवं शोषण मुक्त समाज की स्थापना तथा बैंकिंग उद्योग, बैंक कर्मियों की बेहतरी तथा ट्रेड यूनियनों की एकता के लिए संघर्षरत है। आज बैंकिंग उद्योग एवं बैंक कर्मियों के सामने बहुत सारी चुनौतियाँ है। बैंकों का निजीकरण, जन एवं श्रम विरोधी बैंकिंग रिफाॅर्म, बैंकों का आपसी विलय, बढ़ते हुए खराब ऋण चिन्ता के विषय हैं। वक्ताओं ने बताया कि आॅल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन बड़ी आक्रमकता के साथ इन चुनौतियों का सामना कर रही है आगे आने वाले दिनोें में इन्हीं मुद्दों को लेकर 1 करोड़ हस्ताक्षरयुक्त जनयाचिका लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन को सौंपी जाएगी।
सभा के अन्त में बैंक कर्मियों ने जीवंत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुनिश्चित करने की, बैंकों के निजीकरण के विरूद्ध संघर्ष करने की, बेहतर एवं त्वरित ग्राहक सेवा प्रदान करने की, खराब ऋणों की वसूली के लिए संघर्ष करने की, जन-विरोधी थ्त्क्प् बिल के खिलाफ संघर्ष करने की, बैंकों में और अधिक भर्तियों के लिए संघर्ष करने की शपथ एवं संकल्प लिया। तत्पश्चात् मिष्ठान वितरित कर आभार प्रदर्शन के साथ सभा समाप्ति की घोषणा की गई।