25-Apr-2024

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अमेरिका और ईरान से तनाव के बीच सऊदी अरब के तेल टैंकरों पर हमला

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रियाद, अमेरिका और ईरान में बढ़े तनाव के बीच सऊदी अरब के तेल टैंकरों पर हमला हुआ है। सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के जलक्षेत्र में उसके 2 तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया, जिससे काफी नुकसान हुआ। यह घटना ऐसे समय घटी है जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपनी मॉस्को की प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी और ईरान पर यूरोपीय अधिकारियों से चर्चा के लिए ब्रसेल्स गए हैं।

ईरान की चेतावनी, अमेरिका ने तैनात किए जेट
उधर, ईरान ने खाड़ी क्षेत्र में पोतों पर हमले को चिंताजनक बताते हुए जांच की मांग की है। तेहरान ने आगाह किया कि समुद्री सुरक्षा को भंग करने के लिए विदेशी प्लेयर्स कोई दुस्साहस कर सकते हैं। अमेरिका ने पहले ही क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है। यही नहीं, ईरान की ओर से पैदा हुए कथित खतरे का मुकाबला करने के लिए फारस की खाड़ी में अमेरिका B-52 बमवर्षक विमानों की तैनाती कर रहा है।

सऊदी ने कहा, सुरक्षा खतरे में
विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि सऊदी अरब (ईरान के धुर विरोधी) ने हमले की निंदा की है। दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात के समुद्री क्षेत्र के पास सऊदी के कमर्शल और सिविलियन जहाजों को टारगेट किया गया। सूत्र ने बताया, 'आपराधिक कृत्य से समुद्री सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा पैदा हो गया है और इससे क्षेत्र ही नहीं अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर भी विपरीत असर होगा।'

UAE ने रविवार को कहा कि कई देशों के चार कमर्शल जहाजों पर फुजैरा शहर के अपतटीय क्षेत्र में हमला किया गया। सऊदी के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फालिह ने कहा कि दो टैंकरों को काफी नुकसान हुआ है लेकिन किसी व्यक्ति को चोट नहीं पहुंची और न ही तेल फैला। SPA स्टेट न्यूज एजेंसी ने फालिह के हवाले से बताया, 'UAE के विशेष आर्थिक जोन में टैंकरों पर तोड़फोड़ की गई। उस समय ये जहाज अरब खाड़ी को पार कर रहे थे।'

अमेरिका के लिए तेल लोड करने जा रहा था जहाज
गौरतलब है कि फुजैरा पोर्ट यूएई का अकेला ऐसा टर्मिनल है जो अरब सागर के तट पर स्थित है और इस रास्ते से ज्यादातर गल्फ ऑइल का निर्यात होता है। ईरान लगातार यह चेतावनी देता रहा है कि अमेरिका के साथ सैन्य तनाव बढ़ा तो वह हॉर्मूज जलडमरूमध्य को बंद कर देगा। फालिह ने बताया कि एक टैंकर सऊदी ऑइल टर्मिनल से क्रूड ऑइल लोड करने जा रहा था, जिसे अमेरिका में ग्राहकों तक पहुंचाया जाना था।

उधर, संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने घटना की प्रकृति के बारे में नहीं बताया और न ही यह आशंका ही जताई कि इसके पीछे कौन जिम्मेदार हो सकता है। अबू धाबी ने दुनिया के ताकतवर देशों से समुद्री यातायात को सुरक्षित बनाने में सहयोग की अपील की है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने घटना और इसके संभावित परिणामों को लेकर गहरी चिंता जताई। मौसवी ने कहा कि ओमान के सागर में हुई घटनाएं चिंताजनक और अफसोसनाक हैं।

इस रास्ते से 15 मिलियन बैरल्स रोज गुजरता है तेल
मौसवी ने आगाह किया कि बुरा चाहने वाले क्षेत्रीय सुरक्षा को बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने विदेशी तत्वों के मंसूबों को फेल करने के लिए क्षेत्रीय देशों से सतर्कता बढ़ाने की बात कही। महत्वपूर्ण बात यह है कि सऊदी अरब, इराक, UAE, कुवैत, कतर और ईरान से भी ज्यादातर तेल का निर्यात हॉर्मूज जलडमरूमध्य से होता है और यह आंकड़ा कम से कम 15 मिलियन बैरल्स प्रतिदिन है।

मामले का दूसरा पहलू यह है कि अमेरिका ने आगाह किया था कि ईरान क्षेत्र में समुद्री यातायात को निशाना बना सकता है। इसी चेतावनी की पृष्ठभूमि में पोतों पर हमले की खबर आई है। उधर, छह देशों वाली खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जयानी ने कहा कि ऐसी गैरजिम्मेदाराना हरकतों से क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा और इसका नतीजा संघर्ष के रूप में निकल सकता है।

ब्रिटेन का ईरान पर निशाना
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने पर खाड़ी में अकस्मात रूप से संघर्ष पैदा होने के खतरे को लेकर सोमवार को सख्त चेतावनी दी। यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए ब्रसेल्स पहुंचे हंट ने कहा, ‘हम तनाव बढ़ने के साथ एक दुर्घटना से संघर्ष पैदा होने के खतरे को लेकर चिंतित है। हो सकता है कि किसी भी पक्ष की संघर्ष की मंशा नहीं हो लेकिन इसका खात्मा किसी तरह के संघर्ष से ही होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें शांति की जरूरत है, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हर कोई समझे कि दूसरा पक्ष क्या सोच रहा है और सबसे ज्यादा हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ईरान को फिर से परमाणु सशस्त्रीकरण की राह पर नहीं भेजे क्योंकि अगर ईरान परमाणु शक्ति बनेगा तो उसके पड़ोसी भी परमाणु शक्ति बनना चाहेंगे।'

साभार- न भा टा

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