Publish Date:17-Aug-2018 17:35:06
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। शुक्रवार शाम को नई दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने शाम पांच बजे मुखाग्नि दी। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं। सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सलामी दी। भूटान नरेश जिग्मे खेसर, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका के विदेश मंत्रियों समेत कई विदेशी नेताओं ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी।
इससे पूर्व अटल जी को तीनों सेनाओं के जवान ने 21 बंदूकों की सलामी के साथ अंतिम विदाई दी। उनके अंतिम दर्शन की लालसा लिए हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर खड़े हैं। वहीं बड़ी संख्या में लोग उनके वाहन के साथ-साथ चल रहे हैं। स्मृति स्थल जवाहर लाल नेहरू के स्मारक ‘शांति वन’ और लाल बहादुर शास्त्री के ‘विजय घाट’ के बीच स्थित है।
राजधानी के आईटीओ के निकट दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर पार्टी मुख्यालय से जब दो बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई तो लोग भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गयी तथा ‘वाजपेयी अमर रहे ’के नारों से आसमान गूंज उठा। सुबह से ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के दूरदराज के इलाके से से आए लोग अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में उमड़ पड़े और पंक्तिबद्ध होकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए।
इससे पूर्व वाजपेयी के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को वाहनों के काफिले के साथ उनके आवास से अकबर रोड, इंडिया गेट होते हुए दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय लाया गया जहां श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। लोग ‘वाजपेयी अमर रहे’ के नारे भी लगा रहे थे।
साभार- पंजाब केसरी