Publish Date:27-Sep-2016 12:43:11
कानपुर। भारत- न्यूज़ीलैड के बीच कानपुर हुए टेस्ट मैच में जीत हासिल करने के बाद रविचंदन अश्विन की काफी तारिफे सुनने में आ रही है। यहां तक की कैप्टन कोहली ने तो उन्हें टीम का अनमोल रतन भी करार दे दिया है। इस मैच में अश्विन ने 10 विकेट का झटका देते हुए इस दौरान चल रहे क्रिकेट मैच में अपने 200 विकेट भी पुरे कर लिये है। और शायद इन्ही कारणों से कोहली उनके फैन हो गए है।
कोहली ने भारत की इस जीत को टीम इंडिया के लिए बेहतरीन बताया है। उनका कहना है कि अगर आप विश्व के प्रभावशाली खिलाडि़यो को देखोगे तो अश्विन आसानी से 3-4 में शामिल होंगा। ऐसे बहुत कम खिलाड़ी है जो अपने टीम के लिए इतना बड़ा प्रभाव डालते है (खासकर गेंदबाज़)। उनका कहना है कि गेंदबाज़ वो है जो अपको टेस्ट मैच जीतवाते है और अश्विन उनमें से एक है।
ऐसे क्रिकेटर टीम के लिए अनमोल है-
वे कहते है कि इसमें कोई शक नहीं कि के वह पिछले 2 साल से क्रिकेट में अच्छा प्रर्दशन कर रहा है। वह बहुत मेहनती है और हर बात को बखुबी समझते है व हर खेल सोच विचार कर खेलता है। कोहली ने अपने पसंदीदा व टीम के मुख्या स्पीनर के लिए कहा कि वह एक र्स्माट क्रिकेटर है, समझदार भी। और यह उनकी गेंदबाज़ी में भी दिखता है। वह जानता है कि कब उसे रन बनाना है और कब हालात को संभालना है। इसलिए अश्विन जैसे क्रिकेटर का टीम में होना अनमोल है।
कोहली बताते है कि जब चिज़े रणनिति के मुताबित नहीे चल रही होती है तब अश्विन और जडेजा आ कर कहते है कि मैं इस तरह की गेंदबाजी करने की कोशिश कर रहा हुं देखते है यह कैसी रहेगी। उन दोनो की यह बात मुझे अच्छी लगती है जब वे अपनी तरफ से उन्हे मेहनत करते हुए देखता हुं। कोहली ने यह भी बताया कि किस तरह से उन दोनो ने टीम केा जीत दिलाई। उन लोगों ने मैच के दौरान 20 विकेटों में से 16 विकेट गिराए।
बतौर कप्तान उन्हे यह बाते पसंद आती है कि वे निश्चित रूप से जानते है कि वे क्या कर रहे है और सही लाइन-लेंथ में गेंदबाज़ी कर लेंगे। दोनो हमेशा सुझाव सुनने के लिए भी तैयार रहते है।
पुजारा में भी काफी सुधार-
कोहली चेतेश्वर पुजारा की मेहनत से भी खुश है और बताते है कि उसमें भी काफी सुधार है। क्योंकि वह अब काफी तेज़ी से रन जुटाता है। पिछले मैच मे नम्बर तीन पर औसत से कम प्रर्दशन के कारण उनकी काफी आलोचना हुई थी। उनहोंने कहा कि वह एसा खिलाड़ी है जों दबाव को संभाल लेता है लेकिन मैच के दौरान निश्चित दौर के बाद एक वक्त आता है जब हमें ज्यादा रन जुटाने की ज़रूरत होती है। तब हमें लगता है की उसमें वे फायदे उठाने की क्षमता नहीं है। लेकिन वह अपने खेल पर कड़ी मेहनत करता है।