25-Apr-2024

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एक और वरिष्‍ठ आई ए एस अधिकारी त्रिवेदी ने सपाक्‍स का झण्‍डा थामा

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राजकाज न्‍यूज, भोपाल

मध्‍यप्रदेश में सपाक्‍स के बेनर तले आरक्षण का विरोध तेज होता जा रहा है। इसको आंदोलन का रूप देने के प्रयास से पूर्व में एक आई ए एस अधिकारी जुड़े, अन्‍य अधिकारियों के सामने आने के बाद अब राज्‍य सूचना आयुक्‍त हीरालाल त्रिवेदी के सपाक्‍स से जुड़ने से इसको एक और मजबूज खंबा मिल गया है। त्रिवेदी पूर्व में राज्‍य प्रशासनिक सेवा के अध्‍यक्ष के रूप में संगठनात्‍मक शक्ति का परिचय दे चुके है। आई ए एस बनने के पूर्व हीरालाल त्रिवेदी एवं राजीव शर्मा दोनों ही राज्‍य प्रशासकिन सेवा संघ से जुड़े रहे हैं। उज्जैन में रविवार को हुए सपाक्स के संभागीय सम्मेलन में त्रिवेदी के अलावा पूर्व स्वास्थ्य विभाग के पूर्व संचालक डॉ केएल साहू भी सपाक्स में शामिल हो गए। आईएएस शर्मा पिछले साल राजधानी में हुए सपाक्स के सम्मेलन के मंच पर पहुंचे थे। यहां बता दें कि आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे अजाक्‍स संगठन से पूर्व से ही आरक्षित वर्ग के आईएएस जुड़े हुए है।

आरक्षण के विरोध में सक्रिय संगठन सपाक्स अब संभागवार सम्मेलन बुला रहा है। इसी कड़ी में उज्जैन संभाग में यह कार्यक्रम हुआ। त्रिवेदी बतौर मुख्य अतिथि सम्मेलन में शामिल हुए। इसमें प्रदेश भर से सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के कई अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हुए। सम्मेलन को इन प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सपाक्स के संस्थापक मंडल के सदस्यों केएस तोमर, प्रांताध्यक्ष पीएस परिहार, अजय जैन, अभिषेक सोनी, राजीव खरे, एमएल श्रीवास्तव, अरविंद सिंह चंदेल, संजय मिश्रा, दीपक रावत समेत कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। संचालन डॉ राजीव पंड्या, स्मिता करजगांवकर ने किया।

आरक्षण का लाभ लेकर पहले अफसर बने, अब अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचा रहे- त्रिवेदी


सपाक्स के संरक्षक मंडल में शामिल राज्य सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने संभागीय सपाक्स सम्मेलन में कहा-समाज के अंतिम पंक्ति तक को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा अांबेडकर ने आरक्षण की व्यवस्था 10 साल के लिए मांगी थी। लेकिन 70 साल में भी वंचित वर्ग तक लाभ नहीं पहुंचा। बल्कि अब इससे सपाक्स समाज के साथ अन्याय हो रहा है। आरक्षण का लाभ लेकर जो बड़े अधिकारी बन गए वे अपने सगे संबंधियों को लाभ पहुंचा रहे हैं।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2002 में नियम बनाकर पदोन्नति में आरक्षण दिया गया। जिसने यह प्रावधान किया उसका क्या हश्र हुआ सब जानते है। हालाकि पदोन्नति में आरक्षण की मांग 1999 से 2001 तक चली लेकिन हर बार इसे उस समय बैठे हुए अधिकारियों ने टाला क्योकि वह जानते थे यह स्थिति वर्ग संघर्ष के रूप में सामने आएगी। उन्होने कहा कि 2002 के बाद से ही विभाजन की रेखा बनी है तो यह अब आगे भी रहेगी। रिश्ते कानून से नही बनते भाईचारा तभी होगा जब सब समान हो फिर त्रिवेद्वी ने कहा कि अम्बेडकर जी ने उस समय अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की स्थिति को देखते हुए 10 वर्ष के लिए आरक्षण मांगा था। लेकिन आज इतने साल बाद भी आखिरी व्यक्ति तक लाभ नही पहुंच रहा हमे किसी भी प्रकार के वर्ण भेद,वर्ग भेद में बांटने की बात नही करते हुए अजा वर्ग को भी यह बताना होगा कि किस तरह उन्हे भी लाभ नही मिल पा रहा है।

आरक्षण के विरोध में रविवार काे नृसिंह घाट स्थित झालरिया मठ में सपाक्स समाज का गठबंधन हुआ। आरक्षण से पीड़ित सभी समाज के प्रतिनिधियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के माई का लाल वाले बयान पर आक्रोश व्यक्त किया। सपाक्स मुख्यत: 16 साल पहले लागू हुए पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन इस सम्मेलन से सपाक्स ने आरक्षण के विरुद्ध सवर्ण समाज, क्षत्रिय, अन्य पिछड़ा वर्ग के सभी समाजों को साथ लेकर एक बड़े आंदाेलन का आगाज कर दिया है। सपाक्स की तीन इकाई घोषित की गई हैं। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और मुस्लिम समाज सहित विभिन्न समाज को सपाक्स ने इस आंदोलन से जोड़ लिया है। सम्मेलन में सपाक्स के पदाधिकारियों सहित समाज के प्रतिनिधियाें ने आरक्षण के खिलाफ भाषण दिए। पदाधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर वे राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं।

जिसने ललकारा, उनके घर 25 को जाएंगे

युवा सपाक्स के अध्यक्ष अभिषेक सोनी ने कहा जिसने माई के लाल को ललकारा हैं सपाक्स के युवा उन्हें बताएंगे कि माई के लाल कैसे होते हंै। हम 25 फरवरी को उनके घर में जाएंगे। भोपाल से युवा सपाक्स की फौज सीएम के घर जाएगी। अधिकार मांगेंगे नहीं अब छीने जाएंगे।

सपाक्स कर्मचारियों की लड़ाई नहीं से सीधे तौर पर समाज के युवाओं की लड़ाई है। क्योंकि आज हमारा है लेकिन हमारे पास नौकरी नहीं है। हम नौकरी के लिए आवेदन करते है तो हमसे 500 रुपए और एससी एसटी करते हैं तो उनसे 250 रुपए क्यों। उन्हें परीक्षा देने के लिए टिकट मिलता है हम अपने पैसाें से जाए ऐसा क्याें।

डॉक्टर के साढ़े तीन हजार पद खाली

संचालक स्वास्थ्य एवं सपाक्स के संरक्षक डॉ. के एल साहू ने कहा आरक्षण के कारण प्रदेश में डॉक्टर्स के साढे तीन हजार पद खाली है। स्वास्थ्य सेवाओं में हजारों बैकलॉग पद हो गए।

मोबाइल पर सुनाया उद्बोधन

नगरीय प्रशासन विभाग के अपर सचिव राजीव शर्मा का उद्बोधन मोबाइल पर सुनाया गया। मुख्य वक्ता के तौर पर उन्हें आमंत्रित किया था। न आ पाने पर उन्होंने मोबाइल पर बात कही। उन्होंने कहा यह आंदोलन पदोन्नति में आरक्षण का नहीं जातिगत आधार पर किए जा रहे दुर्व्यवहार का है। जाति व धर्म के नाम पर फैलाई गई भ्रांति से अब लड़ने का समय आ गया है। वोट के लिए राजनीतिक दल वर्ग विशेष के लिए बंधक बन गए है। जाति के आधार पर प्रताड़ना सहन नहीं की जाएगी।

हम भी समानता चाहते- अजाक्स संभागीय सचिव

इधर अजाक्स के संभागीय सचिव प्यारेलाल बरवे बोले हम भी समानता चाहते है। पदोन्नति का मामला तो सुप्रीम कोेर्ट में पेंडिंग हैं। इस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। लेकिन प्रदेश के 51 जिलों में कम से कम 20 जिलों में कलेक्टर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पुलिस अधीक्षक, विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव, सिविल सेवा के अधिकारी अजा और जजा वर्ग के होने चाहिए। जनसंख्या के मान से तो इससे भी ज्यादा प्रतिशत होना चाहिए। पूरे प्रदेश में अजा/जजा के विशेष क्षेत्र है वहां जाकर उनकी स्थिति देखो इन तक आरक्षण का लाभ पहुंचने दो।

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