Publish Date:16-Mar-2018 21:02:59
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से होगा पोषण आहार का प्रदाय
अनुदान माँगों की चर्चा पर महिला-बाल विकास मंत्री का वक्तव्य
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने विधानसभा में विभागीय अनुदान माँगों की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य शासन स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण-आहार वितरण की व्यवस्था स्थापित करने के लिये प्रतिबद्ध है। इसके लिये महिला स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन को सरकार की ओर से तकनीकी और वित्तीय मदद उपलब्ध करवाई जायेगी। प्रदेश में सात स्थानों पर पोषण-आहार उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिये भूमि आवंटित की जा चुकी है। संयंत्र की मशीनरी क्रय करने के लिये निविदा आमंत्रण किया गया है। पोषण-आहार उत्पादन का कार्य अक्टूबर माह से आरंभ हो जायेगा। इस अवधि तक पोषण-आहार प्रदान करने के लिये सरकार शार्ट टर्म टेण्डर जारी करने जा रही है और इसकी अनुमति भी उच्च न्यायालय ने दे दी है। प्रदेश में भारत सरकार, फूड सिक्यूरिटी एक्ट के प्रावधानों तथा माननीय न्यायालय के निर्देशों का पूर्णत: पालन करते हुए बच्चों एवं महिलाओं को पोषण-आहार प्रदान किया जायेगा।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के पोषण-स्तर में सुधार के लिये सतत रूप से ठोस कार्य किये जा रहे हैं। एनएफएचएस-3 से एनएफएचएस-4 में हुआ सुधार इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। वर्ष 2005-06 में हुए तृतीय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 60 फीसदी बच्चे कम वजन के पाये गये थे, जबकि वर्ष 2015-16 में हुए इसी सर्वेक्षण में यह संख्या घटकर 42.8 प्रतिशत रही। यह कमी देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है। अर्थात मध्यप्रदेश कुपोषण को सबसे तेजी से कम करने वाले राज्यों में है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2005-06 में 26.2 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2015-16 में यह 80.8 प्रतिशत हो गयी। इस वृद्धि के लिये महिला-बाल विकास मंत्री ने अपने तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले को बधाई दी।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कुपोषण को चुनौती माना है। कुपोषण कम करना एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। इसी दिशा में सघन और ठोस प्रयास करते हुए प्रदेश में दिसम्बर-2017 से विशेष वजन अभियान चलाया गया। कुपोषित बच्चों की समय पर पहचान के लिये आरंभ किये गये इस अभियान में आँगनवाड़ी सहायिका से लेकर राज्य-स्तरीय अधिकारी सम्मिलित हुए। अभियान में 65 लाख 85 हजार 303 बच्चों का वजन लिया गया। इस अभियान से बेसलाइन प्राप्त हुई, जिसके आधार पर बच्चों की पोषण की स्थिति में सुधार के लिये दीनदयाल विशेष पोषण अभियान आरंभ किया गया। इस अभियान में 29 बिन्दुओं पर कार्य किया गया। इस अभियान में बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों को रुपये 5 हजार से रुपये 50 हजार तक के पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने बताया कि आँगनवाड़ी की सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिये आँगनवाड़ी हेल्प डेस्क स्थापित की गई है, जिसके टोल-फ्री नम्बर 18008330100 पर आँगनवाड़ी सेवाओं के संबंध में सुझाव और शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
विधायक सर्वश्री जयवर्धन सिंह, यादवेन्द्र सिंह, इंदर सिंह परमार, आर.डी. प्रजापति, ओंकार सिंह मरकाम, श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर तथा सुश्री हिना कावरे ने चर्चा में भाग लिया। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने विभिन्न प्रश्नों के उत्तर में जानकारी दी कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका की भर्ती में सुधार और पारदर्शिता के लिये शीघ्र ही प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जायेगा। वर्तमान में नीमच में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि गोदभराई कार्यक्रम आँगनवाड़ी में ही आयोजित किये जायेंगे।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए जानकारी दी कि प्रदेश में 28 लाख से अधिक बालिकाओं का लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीयन हुआ है। सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को एक ही छत के नीचे तत्काल पुलिस, चिकित्सा, विधिक सलाह, मनोवैज्ञानिक समझाइश आदि विभिन्न सेवाएँ उपलब्ध करवाने के लिये प्रदेश में वन स्टॉप सेंटर (सखी) संचालित किये जा रहे हैं। वर्ष 2016-17 में 18 जिलों में यह सेंटर आरंभ किये गये। इस वर्ष 8 अन्य जिलों में इस सेवा का विस्तार किया जायेगा। इन केन्द्रों में अब तक 1260 महिलाओं की शिकायतें पंजीकृत की गईं।
श्रीमती चिटनिस ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में पिछले 3 महीनों से मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। योजना में 3 लाख 20 हजार 755 आवेदनों की प्रविष्टि की जा चुकी है, जिसमें 85 हजार 296 आवेदनों पर 10 करोड़ 75 लाख 83 हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि समेकित बाल संरक्षण योजना में वर्ष 2017-18 में 3500 बच्चे लाभान्वित हुए हैं। कुल 171 बच्चे दत्तक ग्रहण पर तथा 31 बच्चे प्री-एडाप्शन पर दिये गये हैं।
श्रीमती चिटनिस के जवाब के बाद सदन ने उनके विभाग से संबंधित 4,835 करोड़ 83 लाख रुपये की अनुदान माँगों को ध्वनि-मत से पारित किया।