Publish Date:23-Nov-2017 18:08:05
देश में एक आईएएस अफसर ऐसा है, जिसके पास न वेतन है, न गाड़ी और न ही स्टाफ। आखिर ऐसा क्यों हैं और क्या मामला है? दरअसल, हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी लैंड यूज बोर्ड में ओएसडी लगाए जाने के बाद से दफ्तर और गाड़ी के लिए भटक रहे हैं। तीन महीने पहले जब से सरकार ने उन्हें इस विभाग में ओएसडी नियुक्त किया है, उसी समय से वे बगैर वेतन के काम कर रहे हैं। तनख्वाह नहीं मिली तो कासनी ने हाईकोर्ट का रुख किया।
जहां से उन्हें सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में जाने की सलाह दी गई। कैट से कासनी ने अपनी तनख्वाह ब्याज के साथ मांगी। इस पर कैट ने मंगलवार को उनके हक में फैसला देते हुए उन्हें तत्काल सभी लाभ देने का आदेश दिया है। कैट के फैसले के बाद उन्हें सेक्टर- 17 सचिवालय में कमरा तो दे दिया गया है, लेकिन कमरे तक पहुंचने के लिए न तो गाड़ी दी गई है और न ही काम करने के लिए स्टाफ मिला है। लिहाजा अब वे गाड़ी और स्टाफ के लिए संघर्षरत हैं।
जिस विभाग में लगाया, वह है ही नहीं : कासनी
कासनी के मुताबिक पिछले कई साल से यह विभाग है ही नहीं जिसमें उन्हें लगाया गया है। सरकार ने कासनी को गत 22 अगस्त को लैंड यूज बोर्ड का ओएसडी लगाया था। इसके बाद से वे वेतन का इंतजार कर रहे हैं। गत 17 नवंबर को उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ अपील की। इससे पहले जब वे हाईकोर्ट गए तो हाईकोर्ट ने उन्हें 13 नवंबर को ट्रिब्यूनल में जाने की सलाह दी।
पहले लैंड यूज प्लानिंग बोर्ड नाम था :
बकौल कासनी जब यह विभाग होता था तब इसका नाम लैंड यूज प्लानिंग बोर्ड था। बाद में हुडा और टाउन कंट्री प्लानिंग विभाग के माध्यम से यह काम होने लगा तो इस विभाग की जरूरत ही नहीं बची। अब सरकार ने उन्हें यहां स्थानांतरित किया है, लेकिन विभाग में कुछ नहीं है।
साभार- अमर उजाला