Publish Date:12-May-2018 16:40:13
नई दिल्ली, पोकरण में 20 साल पहले ऑपरेशन शक्ति के तहत भारत ने 5 पोकरण 2 अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट + कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई थी। दो दशक के बाद भारत एक बार फिर अपनी सैन्य ताकत दिखाने की तैयारी कर रहा है। भारत अपना पहला अंतरमहाद्विपीय बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 लॉन्च करनेवाला है। स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) के तहत इसे शामिल किया जाएगा।
रक्षा सूत्रों ने अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, '5000 किमी, रेंज तक मार कर सकने में सक्षम अग्नि-v + के कई सिस्टम और सब सिस्टम एसएफसी की नई अग्नि-5 यूनिट को सौंप दिए गए हैं। इस इंटरबलिस्टिक मिसाइल की खासियत यह है कि पूरा चीन इसकी जद में है और इसके साथ ही यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से भी इसके रेंज में हैं।'
डिफेंस विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, 'अग्नि-5 का दूसरा ट्रायल जल्द ही होने वाला है और इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इसका पहला ट्रायल इसी साल 18 जनवरी को हुआ था। अप्रैल 2012 से अब तक 4 डिवेलपमेंट ट्रायल भी हो चुके हैं। अगर पूर्व के टेस्ट की तरह अग्नि-5 का परीक्षण सफल होता है तो इसका मिसाइल स्ट्रैटिजिक बेस में शिफ्ट किया जा सकता है।'
एसएफसी के पास पहले से ही त्रिस्तरीय कई ताकतवर मिसाइल यूनिट हैं। इनमें पृथ्वी-II (350 किमी.), अग्नि-I (700 किमी.), अग्नि-III (3,000 किमी.) आदि शामिल हैं। इसके साथ ही सुखोई-30 MKI, मिराज -2000 और जगुआर फाइटर्स भी न्यूक्लियर बम डिलिवर करने में सक्षम हैं। इसके अलावा न्यूक्लियर ताकत के तीसरे स्तर पर इस वक्त कुछ न्यूक्लियर बलिस्टिक मिसाइल सबमरीन जैसे आईएनएस अरिहन्त शामिल हैं।
भारत की प्रमुख चिंता इस वक्त सबमरीन न्यूक्लियर ताकत से कम संपन्न होना है। सबमरीन को न्यूक्लियर स्ट्राइक के लिए सबसे सुरक्षित और ताकतवर प्लैटफॉर्म माना जाता है। भारत जैसे देश जिसकी परमाणु शक्ति संपन्न होने के बाद भी नो फर्स्ट यूज पॉलिसी है उसके लिए यह एक बड़ी चिंता हो सकती है।
साभार- नवभारत टाइम्स