Publish Date:27-May-2019 01:52:25
सभी 121 विधायक कमलनाथ के साथ, सभी के काम कराने का दिलाया भरौसा
राजकाज न्यूज, भोपाल
मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद जहां एक ओर हार पर विचार मंथन शुरू हो गया हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले मंत्रियों से चर्चा की और इसके बाद विधायक दल की बैठक में विधायकों से चर्चा की। कैबिनेट में आचार संहिता के बाद सरकार के कामकाज में तेजी लाने पर मंत्रिमण्डल के सदस्यों से चर्चा की। मंत्रियों के क्षेत्रों में कांग्रेस को मिली करारी हार पर भी चर्चा हुई। उन्होंने मंत्रियों से संबंधित विभागों की कार्ययोजना तैयार कर जुट जाने को कहा। कर्ज माफी को लेकर प्रदेश में फैलाए गए भ्रम को दूर करने के लिए मंत्रियों और विधायकों से रायमशविरा भी किया गया।बैठक में लोकसभा चुनाव में मंत्रियों की कार्यप्रणाली और सरकार की योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से मध्यप्रदेश की विकास योजनाओं पर काम करने के तरीकों पर उनकी राय ली। इसके अलावा कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर भी मंत्रिमंडल के साथ बातचीत की।
सीएम कमलनाथ मंत्रालय में अनौपचारिक कैबिनेट की बैठक में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर भी चर्चा की और से सभी से प्रदेश के विकास में जी-जान से जुट जाने को कहा। सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश में सरकार पर ख़तरे की ख़बरों के बीच रविवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हर मंत्री को 5-5 विधायकों पर नज़र रखने और उनसे बातचीत करते रहने को कहा है। बैठक में शामिल पार्टी के नेता ने बताया कि कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को सावधान रहने के निर्देश देते हुए विपक्ष की साजिशों को नाकाम करने को कहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कहा कि उन पर काफी भार बढ़ गया था। राहुल गांधी के पुत्र मोह वाले बयान पर भी कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने ऐसा कहा ही नहीं है और पार्टी जल्द ही इस पर स्पष्टीकरण देगी। मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है, बैठक में विकास कार्यों पर चर्चा हुई. वहीं दूसरे वरिष्ठ मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि कमलनाथ सरकार 5 साल तक चलेगी। उन्होंने कहा कि हम कई बार बहुमत सिद्ध कर चुके हैं और आगे भी बहुमत सिद्ध करने के लिए तैयार हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार को स्थिरता देने राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडलों में नियुक्तियों पर भी सरकार जल्द फैसला लेगी। कुछ दिनों में मंत्रिमंडल के गठन के बाद से ही सरकार में जगह नहीं मिलने से नाराज़ पार्टी के वरिष्ठ विधायक और बाहर से सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को सरकार में शामिल किया जा सकता है। बैठक के बाद वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा कि वो सरकार से नाराज़ नहीं हैं, लेकिन अपनी वरिष्ठता को अनदेखा किये जाने से दुखी ज़रूर हैं।
विधायक दल की बैठक में विधानसभा के आगामी सत्र की तैयारियों पर चर्चा के साथ ही विधायकों से जरूरी कार्य बताने को कहा गया। एक मंत्री ने बताया कि चर्चा के दौरान कहा कि बी जे पी जिस तरह से बयान देती है, उसे सर्वसम्मति से खारिज किया गया। बैठक में बीएसपी एस पी एवं निर्दलीय विधायक शामिल रहे। निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि काम-काज की बात हुई। सी एम ने कहा कि अपने जरूरी काम बताये। कहा गया कि आम जनता के काम बताओ। बड़े काम कौन से है बताओ। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से कमलनाथ के साथ है।