Publish Date:17-Jan-2020 16:52:00
नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने तोमर के 2015 विधानसभा चुनाव को रद्द कर दिया है. दिल्ली के त्रिनगर विधानसभा चुनाव जीतने वाले तोमर पर 2015 विधानसभा चुनाव के हलफनामे में शिक्षा को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप था. वैसे तोमर पर केजरीवाल ने 2020 के लोकसभा चुनावों में भी भरोसा जताया है. उन्हें फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तारी होने के बावजूद जीतेंद्र तोमर को आप ने टिकट दिया है.
'फर्जी डिग्री वालों की पार्टी'
दिल्ली की सत्ता में काबिज अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट में विधायकों को एक बार फिर से मैदान में उतारा है. उनमें कुछ नाम ऐसे हैं जो पिछले 5 साल में चर्चा का विषय रहे. जिसमें आप विधायक सोमनाथ भारती और जितेंद्र तोमर का नाम शामिल है. पिछले 5 साल तक उनकी खबरें सुर्खियों में बनी रही.
जितेंद्र तोमर की डिग्री पर उठे थे सवाल
त्रिनगर से मौजूदा विधायक जितेंद्र तोमर को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है. खास बात यह है कि पिछले 5 साल की सरकार में जितेंद्र तोमर पर फर्जी डिग्री का मामला सामने आया. जिसके चलते अरविंद केजरीवाल सरकार की किरकिरी हुई थी और दिल्ली सरकार के कानून मंत्री के पद से जितेंद्र तोमर को इस्तीफा देना पड़ा था. एक बार फिर आम आदमी पार्टी ने जितेंद्र तोमर को टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है ऐसे में बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्ट विधायकों वाली पार्टी है जिसमें फर्जी लोगों को वरीयता दी जाती है
क्या था पूरा मामला
दरअसल जीतेंद्र सिंह तोमर को 2015 में दिल्ली सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था. लेकिन जुलाई 2015 में उन्हें दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया. हालांकि कुछ समय के बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी. इसी मामले की वजह से 2015 में ही दिल्ली सरकार में कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. तोमर पर फर्जी डिग्री का मामला अभी भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है. हालांकि जितेंद्र तोमर ने फर्जी डिग्री मामले को अपने ऊपर राजनीतिक साजिश बताया है. पुलिस ने फर्जी डिग्री मामले की जांच के लिए भागलपुर विश्वविद्यालय में भी छानबीन की थी.