25-Apr-2024

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आम्रपाली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, कई संपत्तियों को अटैच करने का आदेश

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नई दिल्लीः फ्लैट खरीदारों के करीब 3000 करोड़ रु. का इस्तेमाल दूसरे व्यापार में करने वाले आम्रपाली बिल्डर को बड़ा झटका. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के फाइव स्टार होटल, लग्जरी कारें, मॉल, FMCG कंपनी, फैक्टरी कॉरपोरेट ऑफिस और होमबॉयर्स के पैसे से खरीदी गई अन्य संपत्ति को अटैच करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को ये संपत्ति बेचने का निर्देश दिया. 

आम्रपाली के सीएमडी और निदेशकों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू किए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से जुडे लोगों को कहा है कि होम बायर्स के पैसे जो भी मिले हैं वो सुप्रीम कोर्ट के खाते में सोमवार तक जमा कर दें. कोर्ट ने कहा कि जो ये नहीं करेगा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2015 से 2018 तक के बीच के कागजात सोमवार तक फोरेंसिक ऑडिटर्स को दिए जाए. सुप्रीम कोर्ट ने NBCC से भी पूछा है कि किस तरह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट कैसे पूरे होंगे. अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. दरअसल आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा की और से माना गया कि होम बॉयर्स के 2900 करोड रुपये दूसरी कंपनियों व अफसरों को बतौर गिफ्ट व अन्य तरीके से दिए गए.

दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अम्रपाली के CMD अनिल शर्मा और 2 निदेशक की दिवाली पर घर जाने की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था.कंपनी के वित्तीय लेन-देन की पूरी जानकारी न मिलने पर असंतोष जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया था.तीनों फिलहाल पुलिस की निगरानी में नोएडा के एक होटल में नज़रबंद हैं.गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशक अनिल शर्मा, शिवप्रिया व अजय कुमार की पुलिस हिरासत 15 दिन के लिए बढ़ा दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि तीनों निदेशक पुलिस निगरानी मे रहकर अपने ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेज़ों का केटलाग तैयार करके फ़ारेंसिक आडिटर्स को सौंपेंगे.कोर्ट ने कहा था कि तीनों निदेशक रोज़ सुबह 8 से शाम 6 बजे तक दस्तावेज़ों का केटलाग बनवाएंगे. इसके बाद पुलिस निगरानी मे नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल में रहेंगे.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था.तीनों निदेशकों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपने प्रोजेक्टों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराने का आरोप है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के निदेशकों समेत कुछ अन्य अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी भेजा था.

तीन दिनों तक नोएडा व दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान फॉरेंसिक ऑडिट संबंधी सभी दस्तावेज एकत्र नहीं हो सके थे. पुलिस ने तीनों निदेशकों को कोर्ट में पेश कर संबंधित दस्तावेज एकत्र करने के लिए और समय मांगा था.इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को फिर से 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. आम्रपाली समूह को फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपनी 46 कंपनियों के दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराने हैं.

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