राजकाज न्यूज, भोपाल
जैसी की उम्मीद की जा रही थी कि मध्यप्रदेश के प्रशासनिक मुखिया को उनकी सेवानिवृत्ति की अविधि पूर्ण होने के पूर्व ही 6 माह का एक्सटेंशन मिल जाएगा। शुक्रवार को हुआ भी वैसा ही। केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने मध्यप्रदेश शासन के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसमें 1982 बैच के आईएएस अफसर मुख्य सचिव बंसत प्रताप सिंह को उनके कार्यकाल के पूर्ण होने के बाद 6 माह की वृद्धि दिये जाने का अनुरोध किया गया था। गौरतलब है कि बीपी सिंह जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे। सिंह को 1 जुलाई से छह महीने का एक्सटेंशन देने का आदेश शुक्रवार को जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीपी सिंह को प्रशासनिक मुखिया बनाए रखने के लिए 7 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव भेजा था। वैसे इसके पूर्व 2012-13 में तत्कालीन मुख्यसचिव आर. परशुराम को भी छह माह का एक्सटेंशन मिला था। यहां यह भी बता दें कि अगर भारत निर्वाचन आयोग ने आपत्ति नहीं कि तो मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव सिंह की निगरानी में ही होंगे।
मुख्य सचिव पद के लिए 5 अफसरों के नाम चर्चा में हैं। पहले एसीएस वित्त एपी श्रीवास्तव, इनके बाद वरिष्ठता क्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीना, एसीएस रजनीश वैश्य, राधेश्याम जुलानिया, दीपक खांडेकर और इकबाल सिंह बैंस के नाम हैं। लेकिन खांडेकर डेपुटेशन में दिल्ली जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि एसीएस श्रीवास्तव को सीएस बनाया गया तो सरकार का वित्तीय प्रबंधन कमजोर पड़ सकता है। वहीं राधेश्याम और इकबाल के बीच में आने से रजनीश वैश्य का दावा कमजोर पड़ गया है।
... इन पांच नामों की थी चर्चा
बीपी सिंह के सेवानिवृत्ति होने और उन्हें केन्द्र से एक्सटेंश नहीं मिलने की दशा में मुख्य सचिव पद के लिए 5 अफसरों के नाम चर्चा में रहे। एसीएस वित्त एपी श्रीवास्तव, इनके बाद वरिष्ठता क्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीना, एसीएस रजनीश वैश्य, राधेश्याम जुलानिया, दीपक खांडेकर और इकबाल सिंह बैंस का नाम सबसे ऊपर रहा।