18-Apr-2024

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... तो क्‍या शिवराज सिंह द्वारा लिये गये निर्णय एवं आदेश शून्‍य माने जाएंगे !

इंदौर, शिवराज सिंह चौहान के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने के एक सप्‍ताह बाद भी मंत्रिपरिषद का गठन न किये जाने पर कांग्रेस की ओर से संविधान का हवाला देते हुए आपत्ति जताई गयी है। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्‍ता के.के. मिश्रा ने कहा है कि इतने दिन  बीत जाने के बाद भी मंत्रिपरिषद का गठन न होने के कारण मुख्‍यमंत्री द्वारा लिये जा रहे निर्णय एवं आदेश शून्‍य माने जाएंगे।

कांग्रेस नेता मिश्रा ने कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद के परन्तुक 164 (1A) में किसी भी मंत्रिपरिषद की संख्या क्या हो,सुनिश्चित किया गया है, जो सदन में उस राजनैतिक दल की सदस्य संख्या के अनुपात में 15 प्रतिशत से अधिक न हो,किन्तु मुख्यमंत्री सहित कम से कम 12 सदस्य मंत्रीपरिषद में होना आवश्यक है। संविधान के उक्त अनुच्छेद के अनुसार मप्र में शिवराजसिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक सप्ताह बीत चुका है और प्रदेश में मंत्री परिषद अस्तित्व में नहीं है, सिर्फ शिवराज जी ही मुख्यमंत्री के नाते कार्य कर रहे हैं?

अनुच्छेद-163 यह कहता है कि किसी भी राज्य में मंत्रीपरिषद नहीं होने की वजह से मुख्यमंत्री  एक मुखिया होने के नाते राज्यपाल को न कोई सलाह दे सकते हैं और न हीं अनुच्छेद-166 ROOL OF BUSNESS के अंतर्गत  कोई राज्य सरकार किसी भी प्रकार का कोई आदेश नहीं निकाल सकती है? जब मंत्रीपरिषद ही अस्तित्व में नहीं है,तो संवैधानिक तौर पर ऐसे आदेश स्वतः शून्य माने जाएंगे !

ऐसे स्थितियों में  मुख्यमंत्री द्वारा जल्दबाजी में लिए गए निर्णय मसलन,मुख्य सचिव,राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति आइपीएस,आईएएस अधिकारियों के  किये गए थोकबंद तबादलों पर स्वतः प्रश्नचिन्ह लग रहा है?

इन वर्णित संवैधानिक त्रुटियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भाजपा का नियमों /कानूनों और संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने से पुराना रिश्ता है। कल 2 अप्रेल,2020 को इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ,जो वर्तमान में किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हैं,प्रशासनिक अधिकारियों / कोरोना संक्रमण में अपनी साहसिक सेवाएं दे रहे डॉक्टरों व अन्य की बैठक लेते हैं?,पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के दौरान प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस श्री राजेश राजौरा भाजपा के भोपाल स्थित प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधन देते हैं?,यही नहीं भाजपा के तत्कालीन संगठन महामंत्री श्री कप्तानसिंह सोलंकी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में शिरकत करते है?

लॉकडाउन के दौरान छात्रों को फीस से राहत हेतु NSUI ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, 3 महीने का मांगा समय

मध्यप्रदेश NSUI अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर लॉकडाउन में स्कूलों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को फीस से राहत देने की मांग की है।
NSUI प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि आज पूरा देश कोरोना  महामारी से जूझ रहा है कोरोना से बचाव के एकमात्र उपाय 'लॉकडाउन' के कारण पूरा देश और प्रदेश पूर्णतः बन्द है जिससे प्रदेश के स्कूलों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावक बच्चों की फीस समय पर जमा करने में असमर्थ हैं।
वानखेड़े ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री कहा कि महामारी के इस विकराल समय मे भी कई स्कूल और महाविद्यालय संचालक छात्रों पर फीस जमा करने का अनैतिक दवाब बना रहे हैं जो कि गलत है।
वानखेड़े ने मुख्यमंत्री से प्रदेश में अध्ययनरत विद्यार्थियों को फीस जमा करने के लिए 3 माह का समय दिए जाने हेतु उच्च अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया है।

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