Publish Date:21-Oct-2016 22:55:32
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने शहडोल लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव हेतु लोकसभा स्तरीय चुनाव संचालन समिति की घोषणा कर दी है।
चुनाव संचालन समिति में वरिष्ठ मंत्री ज्ञान सिंह, विधायक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल, विधायक जयसिंह मरावी, विधायक सुश्री मीना सिंह, विधायक मोती कश्यप, विधायक श्रीमती प्रमिला सिंह, जिला अध्यक्ष रामदास पुरी, जिला अध्यक्ष अनुपम अनुराग अवस्थी, जिला अध्यक्ष मनीष सिंह, जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला, राजेश सोनी, सुदामा सिंह, धु्रवप्रताप सिंह, मिथलेश पयासी, राकेश शर्मा, योगेन्द्र चतुर्वेदी, दौलत मनवानी, रामअवध सिंह, आदाराम बैंस, हीरासिंह श्याम, मार्तण्ड त्रिपाठी, हर्षवर्द्धन सिंह, दिलीप जायसवाल, अनिल गुप्ता, अरविन्द बंसल, कैलाश इसनानी, अनिल द्विवेदी, अजय शुक्ला, ज्ञानेन्द्र सिंह परिहार, राजेन्द्र त्रिपाठी, शिवनारायण सिंह, प्रदीप शर्मा, रामलाल बैगा, नरेन्द्र मरावी, श्रीमती रूपमती सिंह, ब्रिजेश गौतम, अवधेश ताम्रकार, जेठानंद भागदेव, इन्द्रजीत छाबड़ा, सत्यनारायण शिवहरे, आशुतोष अग्रवाल, विष्णु भारती, श्रीमती सत्यभामा गुप्ता, मो. नईमयार खान, राजेन्द्र कौल, छोटेलाल सरावगी, सुंदर सिंह, जयराम सिंह मार्को, जुगलकिशोर गुप्ता, बलि सिंह, रामप्रसाद सिंह, वीरेश सिंह रिंकू, ब्रिजेश गुप्ता, शत्रुघ्न पटेल, कैलाश तिवारी, गिरधर प्रताप सिंह एवं अखिलेश श्रीवास्तव सदस्य मनोनीत किये गये है।
चुनाव आयोग ने भी एक साथ चुनाव के तर्कसंगत सुझाव को सहमति दी- चौहान
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराये के सुझाव पर अपनी सहमति जता दी है। उन्होनें कहा कि सालभर चुनावों की प्रक्रिया जारी रहने से विकास के कार्यों में बार-बार अवरोध उत्पन्न होता है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने इस मामले में साथ-साथ चुनाव कराने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए अनेक अवसरों पर इस दिशा में सुझाव दिये है। पूर्व से ही भारतीय जनता पार्टी का भी यही दृष्टिकोण रहा है। चुनाव आयोग ने संसदीय समिति तथा कानून मंत्रालय को अपनी राय से अवगत करा दिया है।
उन्होनें कहा कि चुनाव आयोग ने साथ-साथ चुनाव कराने के लिए देश के राजनैतिक दलों की सहमति के लिए गेंद उनके पाले में डाल दी है। राजनैतिक दल यदि सहमति बना लेते है तो साथ-साथ चुनाव कराने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया आगे बढ़ायी जा सकेगी।
नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस दिशा में अपनी सहमति देते हुए कहा कि इसके लिए 9 हजार करोड़ रू. का अतिरिक्त आवंटन के साथ ही वोटिंग मशीनो की संख्या बढ़ाना पड़ेगी। एक बार व्यवस्था हो जाने के बाद सालभर बार-बार राज्यों और लोकसभा के चुनाव होने की परेशानी समाप्त हो जायेगी। इससे समय और धन की बर्बादी पर रोक लग जायेगी।